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Be Happy Heartfulness story
Wednesday, 19 Jul 2023 00:00 am
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महसुस करे - मैं कृतज्ञ हूँ ,कि हर मुश्किल परिस्थिति से निकलने के लिए कुदरत ने मुझे हिम्मत दी है
 
पेड़ का रहस्य

एक व्यक्ति मल्टीनेशनल कंपनी में सेल्स मैनेजर की जॉब करता था। उसने अपनी बचत से शहर के बाहर एक आलीशान मकान बनवाया। शहर के बाहर होने के कारण वह एरिया कुछ सुनसान था।

वह व्यक्ति अपनी पत्नी और बच्चों के साथ अपने नए घर में रहने लगा। सुबह होते ही वह काम पर निकल जाता और देर शाम तक लौटता।
        
सुनसान जगह इतना आलीशान मकान देखकर चोरों के एक समूह ने वहाँ चोरी करने की योजना बनाई। चोरी के पहले वे मैनेजर के घर के पास चक्कर मारकर उसके घर की गतिविधियों का जायज़ा लेने लगे।

पहले ही दिन उनकी नज़र मैनेजर की एक अजीब हरक़त पर पड़ी। घर आने के बाद वह सबसे पहले अपने घर के बाहर के बगीचे में लगे आम के पेड़ के पास गया और अपने ऑफिस बैग से एक-एक कर कुछ निकालने लगा और उस पेड़ में कहीं डालने लगा।

मैनेजर की पीठ चोरों की तरफ होने के कारण चोर ये देख नहीं पाए कि उसने अपने बैग में से क्या निकाला और पेड़ में किस जगह डाला, उन्होंने अंदाज़ा लगाया कि ये अवश्य ही कोई कीमती चीज़ होगी।

चोर मैनेजर के घर के पास घात लगाकर बैठ गए और अंधेरा होने का इंतज़ार करने लगे। रात में जब घर की लाइट्स बुझ गई, तो उन्हें इत्मीनान हुआ कि घर में सब सो गए हैं।

वे दीवार फांद कर घर में घुसे और सीधे आम के पेड़ के पास पहुँचे। फिर बिना समय गंवायें वे वहाँ मैनेजर की छुपाई चीज़ खोजने लगे। लेकिन बहुत खोजने के बाद भी उन्हें कुछ नहीं मिला। आखिरकार थक-हारकर वे वापस लौट गए।

अगले दिन वे फिर उस घर के पास छुपकर बैठ गए। मैनेजर जब ऑफिस से वापस आया, तो चोरों की नज़रें फिर उस पर ही गड़ गई। पिछले दिन की तरह वह सबसे पहले घर के बाहर लगे आम के पेड़ के पास गया और बैग से निकालकर उसमें कुछ डालने लगा। फिर वह घर के अंदर चला गया।
 
उस रात घर की लाइट्स बंद हो जाने के बाद फिर से चोर दीवार फांदकर आम के पेड़ के पास पहुँचे और जी-जान से उन चीजों को खोजने में लग गए, जो मैनेजर ने वहाँ छुपाई थी। लेकिन उस दिन भी उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ।
 
कुछ दिन तक वे रोज़ रात में आम के पेड़ के पास खोजबीन करते रहे। लेकिन उनके हाथ कुछ न लगा। वे परेशान हो गए कि मैनेजर आखिर कैसे उन चीज़ों को पेड़ में छुपाता है कि हम जैसे शातिर चोर भी उन्हें ढूंढ नहीं पा रहे हैं। अब चोरों में चोरी करने से ज्यादा इस रहस्य को जानने की जिज्ञासा पैदा हो गई।

आखिरकार अपनी जिज्ञासा शांत करने ,रविवार के दिन वे सभी मैनेजर से मिलने उसके घर पहुँचे। मैनेजर से उन्होंने शरीफ़ों की तरह अभिवादन किया। फिर चोरों का सरदार बोला, “सर….प्लीज बुरा मत मानियेगा। एक बात आपसे पूछनी थी। हम लोग चोर हैं। पिछले कुछ दिनों से आपके घर चोरी करने की फ़िराक में हैं। हम रोज़ देखते हैं कि आप शाम को घर आकर, बगीचे में लगे आम के पेड़ में कुछ डालते हैं। लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी हम वो चीज़ें ढूंढ नहीं पाए। हम सब ये जानने को बेचैन हैं कि आप वहाँ चीज़ें कैसे छुपाते हैं कि वो मिलती नहीं हैं?”

चोरों की बात सुनकर मैनेजर हँस पड़ा, फिर बोला, “अरे भाई…..मैं वहाँ कुछ भी नहीं छुपाता। तुम लोगों को ग़लतफ़हमी हो गई है।” “नहीं सर, हमने देखा है। आप रोज़ शाम को अपने बैग में से कुछ निकालकर पेड़ में डालते हैं। आप वहाँ कुछ न कुछ तो छुपाते हैं।” चोर एक स्वर में बोले।
      
अब मैनेजर गंभीर हो गया और बोला, “मैं एक मल्टीनेशनल कंपनी में सेल्स मैनेजर हूँ। काम का दबाव बहुत अधिक रहता है। जिस कारण तनाव होना लाज़िमी है। किसी भी हाल में टारगेट पूरा करना ही होता है।इसके लिये रोज़ किसी न किसी से झिक-झिक होती है। कस्टमर के ताने सुनने पड़ते हैं। बॉस की डांट झेलनी पड़ती है। मानसिक तनाव इतना अधिक होता है कि घर आने पर भी नहीं जाता। पहले अक्सर मेरे तनाव को बेवजह मेरे परिवारजन झेलते थे।”

कुछ देर रुककर मैनेजर आगे बताने लगा,“  जब मैंने ये नया घर बनवाया, तो सोचा कि इस घर का माहौल मैं शांतिपूर्ण रखूंगा। कभी ऑफिस का तनाव घर लेकर नहीं आऊंगा। इसलिए ऑफिस से आने के बाद ,घर मे प्रवेश करने से पहले ,मैं घर के बाहर लगे आम के पेड़ के पास जाता हूँ, और अपना पूरा तनाव एक-एक कर वहाँ डाल देता हूँ। कमाल की बात ये है कि अगले दिन जब मैं वो उठाने जाता हूँ, तब तक आधा तनाव तो गायब हो जाता है। जो थोड़ा-बहुत बचता है, उसे मैं अपने साथ ले जाता हूँ। लेकिन फिर जब शाम को घर आता हूँ, तो तनाव पेड़ के पास छोड़ आता हूँ। यही पेड़ का रहस्य है।”

मैनजर की बात सुनकर चोरों को पेड़ का रहस्य समझ आया। चोरी करने में तो वे सफ़ल नहीं हो सके। लेकिन जीवन की एक बहुत बड़ी सीख उन्हें ज़रूर मिली।
      
आज के दौर में जिंदगी में सुख- सुविधाओं के साधन बढ़ते जा रहे हैं और ज़िन्दगी आरामदायक होती जा रही हैं। लेकिन कहीं न कहीं तनाव भी बढ़ता जा रहा है। तनाव को एकदम से तो समाप्त नहीं किया जा सकता। लेकिन कम से कम घर पर परिवारजनों के साथ होने पर तो तनाव को दूर रखा जा सकता है और उनके साथ खुशनुमा पल बिताये जा सकते हैं। इसलिए जब भी हम घर आयें, तनाव को बाहर ही छोड़ आयें।

               

“ध्यान के द्वारा भावनात्मक, मानसिक और आध्यात्मिक स्तरों पर एक साथ तनावमुक्ति हो सकती है।" 
दाजी  

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