
क्या जीवन मे हम शांति की तलाश कर रहे है? शांति
एक बार एक राजा ने अपने राज्य में घोषणा की कि जो शांति को दर्शाने वाली सर्वश्रेष्ठ पेंटिंग को बनाएगा उस चित्रकार को पुरस्कार दिया जाएगा।
राज्य के कई महान चित्रकार इस प्रतियोगिता में बहुत जोश और उल्लास के साथ शामिल हुए। उन्होंने राजा को कई बेहतरीन पेन्टिंग्स भेजी। उन सभी पेन्टिंग्स की दरबार में प्रदर्शनी लगायी गई।
उनमें से एक पेंटिंग ऐसी थी, जिस पर सभी की निगाहें जाकर टिक जाती थी। उस पेंटिंग में एक शांत झील को दर्शाया गया था, जो पूरी तरह से शांतिपूर्वक ऊँचे बर्फ से ढके पहाड़ों को प्रतिबिंबित करती थी। इस पेंटिंग में सफेद बादलों के साथ एक नीला साफ आसमान दिखाई दे रहा था। यह तस्वीर हर लिहाज से शांति का चित्रण कर रही थी। अधिकांश लोगों ने भेजे गए सभी चित्रों में से इसे ही सबसे अच्छा पाया। और सभी को लग रहा था कि प्रथम पुरस्कार इसी पेंटिंग को मिलेगा। चित्रकार भी निश्चिंत और उत्साहित था।
लेकिन जब राजा ने विजेता की घोषणा की तो सब हैरान रह गए! पुरस्कार जीतने वाली तस्वीर एक तूफान को दर्शा रही थी, जिसमें पहाड़ भी थे, लेकिन वे ऊबड़-खाबड़ और बेजान थे। आकाश बहुत गुस्से में लग रहा था, उसमें बिजली चमक रही थी। तेज गति से गिरते पानी का झरना था। इस चित्र में कुछ भी ऐसा नहीं था जो शांति को चित्रित कर रहा हो। ऐसा लग रहा था कि कलाकार ने गलती से शांति के बजाय तूफान का चित्रण करते हुए अपनी पेंटिंग जमा कर दी थी।
सभी हैरान थे राजा के इस निर्णय पर। उस चित्रकार जिसको विश्वास था कि वह जीतेगा, ने राजा से विनती की, "है राजन, मेरी पेंटिंग को शांति के प्रतीक के रूप मे नही चुना गया, कोई बात नहीं। पर क्या मैं जान सकता हूँ कि यह तूफान दर्शाने वाली पेंटिंग को आपने शान्ति के प्रतीक के रूप मे क्यों चुना?"
सभा मे उपस्थित सभी लोग उत्सुक थे, इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए। तब राजा ने मुस्कराते हुए बड़े प्रेम से कहा कि, "इस पेंटिंग को एकाग्रचित होकर देखें। और देखते समय अपने भीतर की दशा को महसूस करे।"
उस चित्र में एक चट्टान की दरारों में एक छोटी झाड़ी को उगता हुआ देखा जा सकता था। झाड़ी में एक चिड़िया ने अपना घोंसला बनाया था और इस तूफानी मौसम के बीच चिड़िया वहीं बैठ कर के एक दम स्थिर और शांत मन से अपने घोंसले में बच्चों की रक्षा कर रहीं थी।
सभी ने उस पेंटिंग को धैर्यपूर्वक और एकाग्रता से देखा। सभी के चेहरे पर शांति और संतुष्टि के भाव छा गए। वहाँ का पूरा वातावरण शांत हो गया था।
शांति का मतलब ऐसी जगह होना नहीं है, जहाँ कोई शोर या परेशानी न हो।
शांति का अर्थ है सभी अव्यवस्थाओं के बीच में भी स्थिर और दिल से शांत रहना। बिना आंतरिक शांति के बाहरी शांति व्यर्थ है। इस चित्र में चिड़िया के चारों तरफ इतना अशांत वातावरण होने के बावजूद भी वह बहुत शांत मन से अपने बच्चों की सुरक्षा कर रही थी। वास्तव में यह पेंटिंग शांति को सबसे सही तरह से दर्शा रही थी। क्योंकि, शांति कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे हम बाहर खोजते हैं, शांति वह है जिसे हम अपने अंदर महसूस करते हैं। शांति मन की दशा है, न कि आसपास की स्थिति।
"शांति और आनंद आत्मा के जन्मजात गुण हैं। सच्चे ध्यान से ही हम अपने भीतर ऐसी स्थितियाँ पैदा करते हैं, जो उन्हें खिलने देती हैं।"
दाजी