तीन दिवसीय योग एवं ध्यान शिविर
हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान
बुरहानपुर-मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद एवं श्री रामचंद्र मिशन (हार्टफुलनेस) द्वारा मध्य प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों में ध्यान शिविरों का आयोजन किया जा रहा है । उसी क्रम में आज दिनांक 2 जून 2023 को एकात्म अभियान के अंतर्गत हर दिल ध्यान ,हर दिन ध्यान कार्यक्रम अंतर्गत मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद जिला समंवयक मनीष कुवादे के दिशा निर्देशन ,में हार्टफुलनेस संस्था हैदराबाद कान्हा शांति वनम के माध्यम से एवं नवांकुर संस्था ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति इच्छापुर के सहयोग से विकासखंड बुरहानपुर के बुरहानपुर सेक्टर के अंतर्गत आने वाले तिलक वार्ड में विशेष ध्यान एवं योग के सत्र का आयोजन किया गया जिसमें हार्टफुलनेस के मास्टर द्वारा लोगों को ध्यान से तनाव मुक्ति के बारे में बताया l लोगों को सत्र के दौरान 40 मिनट का ध्यान एवं योग का प्रशिक्षण प्रदान किया गया l लोगों से ध्यान करने के बाद उन्हें कैसा प्रतीत हुआ इस संबंध में बात की गई l उन्होंने बताया कि ध्यान करने के बाद उनके मन को शांति मिली है l उन्हें ऐसा प्रतीत हुआ कि वे तनाव मुक्त हुए हैंl सबके अनुभव बहुत अच्छे रहे l विकासखण्ड समन्वयक ने बताया गया की म. प्र. जन अभियान परिषद एकात्म अभियान के अंतर्गत इन सभी ग्रामों में 3 दिन तक नियत समय पर योग एवं ध्यान का कार्यक्रम किया जाता है l
हार्टफुलनेस ध्यान क्या है?
विश्व के लगभग 160 देशों में हार्टफुलनेस इंस्टिट्यूट द्वारा निःशुल्क ध्यान संचालित किया जाता है। यह यौगिक प्राणाहुति के माध्यम से अपने हृदय में बसे ईश्वर से जुड़ने की विधि है। यौगिक प्राणाहुति अन्य ध्यान की विधियों से अलग व उच्च तकनीक है। जिसका अनुभव हार्टफुलनेस प्रशिक्षकों द्वारा निर्देशित ध्यान सत्र एवं उसके निरंतर अभ्यास से किया जा सकता है।
हार्टफुलनेस ध्यान के लाभ-
मस्तिष्क की शक्ति को ध्यान की सहायता से कई गुना बढ़ाया जा सकता है। मानवता के विकास का मार्ग हृदय से होकर गुजरता है। ध्यान के कारण सहानुभूतिक, दया, प्रेम, शांति और करुणा के भाव के साथ ही दिमाग की संरचना में भी बदलाव आ जाता है। शोध में पाया गया है कि लंबे समय तक ध्यान करने वाले लोग खुश और तनावमुक्त रहते हैं। हार्टफुलनेस संस्था का मुख्य उद्देश्य जनमानस में विश्व बंधुत्व, शांति व अहिंसा के सिद्धान्त को अपनाकर उन्हें श्रेष्ठता की ओर अग्रसर करने में सहायता करना है।
चंदन की खेती
चंदन की कीमती लकडी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को फिर से जीवंत कर सकती है इस बात को ध्यान में रखकर हमने गाँवों में चंदन के पेड़ों को लगाने की योजना बनाई है। इसके लिए विशेषज्ञों की टीम नवीनतम वैज्ञानिक तकनीक से मिट्टी का उपचार. पौधों की प्राप्ति एवं रोपण के अलावा सिंचाई और उनकी देखभाल करने में मदद कती है। इस योजना में कम से कम 5 एकड़ भूमि में प्रति एकड़ 420 पौधों का प्लांटेशन किया जाएगा। अनुमानत: INR 80 लाख का निवेश किया जाने पर 15 वर्षों में आज की बाजार दर से INR 60 करोड़ का रिटर्न आएगा।
अरोमा एंड हर्बल प्लांट
अरोमा प्लांट और जड़ी-बूटियां अपनी सुगंध, औषधीय गुणों, खाद्य महत्ता के साथ शैक्षिक, सामाजिक- सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों के लिए भी जाने जाते हैं। इसमें तुलसी, मरवाह, पुदीना, मालाबार नट, रोज़मेरी पाईन, स्टेविया, अजवायन, लेमनग्रास आदि मुख्य हैं। अभी तक हमारी हार्टीकल्चर नर्सरी में इनकी पौध घरों और बगीचों के लिए तैयार की जा रही थी। अब हमारी योजना इन्हें राष्ट्रीय राजमार्गो और रेलवे संस्थानों में लगाने की है। इनके स्वास्थ्यवर्धक और मूल्यवान होने से अर्थव्यवस्था का विकास होगा।
नशा मुक्ति
वर्तमान समाज में नशे की लत गंभीर समस्या है जो जीवन को अंधकारमय कर देता है। इससे मुक्ति के लिए इच्छाशक्ति के साथ-साथ साहयोग भी जरूरी है। इसीलिए हमने मध्य प्रदेश सरकार के सहयोग से एक ऐप बनाया है जो नशामुक्ति हेतु तुरंत डॉक्टर और चिकित्सकों से आपका सम्पर्क कराता है। वर्तमान में पुरुष, महिलाएं, बच्चे और किशोर सभी इसका उपयोग कर रहे हैं। इसके माध्यम से व्यक्ति को चिकित्सकीय सहायता के साथ-साथ प्रशिक्षित ट्रेनर के साथ ध्यान और व्यसन मुक्ति की प्रेरणा और सहयोग भी मिलता है।
ब्राइटरमांइड
ब्राइटर माइड्स न्योरोप्लास्टिकिटी के विज्ञान पर आधारित एक प्रशिक्षण पद्धति है। इसे 5 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों के सीखने की कला, तंत्रिका तंत्र को सक्रिय कर उनके संज्ञानात्मक विकास को बढ़ावा देने के लिए डिजायन किया गया है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य विभिन्न मानसिक ध्वनि तरंगों और विश्राम के इंटरेक्टिव टूल्स और तकनीकों का उपयोग व्यायाप, करके बच्चे के मस्तिष्क को सक्रिय और अधिक कार्यशील बनाना है। यह बच्चों के मस्तिष्क को बौद्धिक, सामाजिक और भावनात्मक रूप से प्रदीप्त करता है। दो प्रमुख कार्यक्रम अल्फा और अल्फा प्लस है।